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बेनाम सा रिश्ता
हैं ना कोई शर्त साथ रेहेनेकी
ना जुदा होने का कोई डर
हर रिश्तों से अलग हैं
गेहाराईयों से भी गेहरा हैं
मेरा उनसे ये बेनाम सा रिश्ता !
हैं दोस्ती से ज़्यादा पर प्यार से कम
क्यूँ रहती उनकी आँखो मे फिक्र हमारी
और क्यूँ मेरे लबो पर दुआ तुम्हारी
ना ही कभी समझेंगे हम, क्यूंकी
हर रिश्तों से अलग हैं
गेहाराईयों से भी गेहरा हैं
मेरा उनसे ये बेनाम सा रिश्ता !
उन्हे देखकर मिलता सुकुन
ना देखे तो भी हैं यकीन
ना चलेंगे साथ
ना छूटेंगा हाथ, क्यूंकी
हर रिश्तों से अलग हैं
गेहाराईयों से भी गेहरा हैं
मेरा उनसे ये बेनाम सा रिश्ता !
लोग कहते हैं नाम के बिना
हैं अधुरा हर रिश्ता
पर नाम ने कब पूरा किया हैं कोई रिश्ता
हर रिश्तों से बड़कर हैं
हर रिश्तों से अलग हैं
गेहाराईयों से भी गेहरा हैं
मेरा उनसे ये बेनाम सा रिश्ता !
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